Dec 26, 2023
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में कथित तौर पर स्वर्ग जाने का रास्ता है। इसे स्वर्ग जाने की सीढ़ी भी कहा जाता है।
Credit: Social-Media/Wikimedia
इसके पीछे मान्यता है कि पांडव भी इसी रास्ते से स्वर्ग गए थे। माणा गांव को भारत का पहला गांव कहा जाता है।
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महाभारत के 18 अध्यायों में से 17वें अध्याय महा थनिका पर्व में लिखा है कि कुरुक्षेत्र के युद्ध के बाद पांचों पांडवों ने अपनी पत्नी द्रौपदी समेत संन्यास ले लिया था।
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ये सभी महल और राज्य को छोड़ तपस्या के लिए निकल पड़े थे। तपस्या के बीच वे हिमालय के पहाड़ों के बीच पहुंचे और स्वर्ग की ओर बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ।
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माना जाता है कि एक कुत्ते ने युधिष्ठिर के साथ स्वर्ग की सीढ़ी यहीं से चढ़ी थी। बाकी सभी की मृत्यु हो गई। महाभारत में बताया गया है कि बिना शरीर छोड़े यहीं से स्वर्ग का रास्ता है।
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माणा गांव तक जाने के लिए सड़क सुविधा उपलब्ध है। यहां पहुंचने के लिए आपको जोशीमठ से बद्रीनाथ तक टैक्सी से आना होगा।
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फिर बद्रीनाथ से लक्ष्मीवन, लक्ष्मीवन से चक्रतीर्थ, चक्रतीर्थ से सतोपंथ ताल, सतोपंथ ताल से चंद्रकुंड ट्रेक, चंद्रकुंड से सूर्यकुंड तक ट्रेक, सूर्यकुंड से स्वर्गारोहिणी बेस कैंप (17987 फीट) तक पहुंच जाएंगे।
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निकटतम ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है। यहां से कैब बुक करके आसानी से माणा गांव पहुंचा जा सकता है।
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यहां पहुंचने के लिए सबसे निकटतम है गौचर हेलीपैड। इसके आगे का सफर सड़क मार्ग से ही तय करना होगा।
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