जब नहीं थी AC तब कैसे ठंडी होती थी ट्रेनें

प्रांजुल श्रीवास्तव

Jul 27, 2023

भारतीय रेलवे को अब इतना आधुनिक बनाया जा रहा है कि इसमें यात्री को विमान जैसी सुविधाएं मिल रही हैं।

Credit: Wiki-Commons

वंदे भारत और तेजस जैसी ट्रेनें इसकी बानगी हैं, जो फुली AC और लग्जरी यात्रा का साधन हैं।

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लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि जब AC नहीं थी, जब ट्रेनों को कैसे ठंडा किया जाता था।

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दरअसल, जब एसी कोच नहीं होते थे, तो उसे ठंडा रखने के लिए बर्फ की सिल्लियों का इस्तेमाल किया जाता था।

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इन सिल्लियों को बोगियों के नीचे बिछाया जाता था। इस पर पंखे चलाए जाते थे, जिससे पूरी बोगी ठंडी रहती थी।

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हालांकि, बर्फ तेजी से पिघल जाती थी, इसलिए यह पहले से तय होता था कि किस स्टेशन पर बर्फ की सिल्लियों को ट्रेन पर चढ़ाया जाएगा।

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आपको बता दें, देश की पहली ऐसी ट्रेन का नाम फ्रंटियर मेल था। यह अंग्रेजों के जमाने की सबसे लग्जरी ट्रेन थी।

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यह ट्रेन आज भी चलती है, जिसे गोल्डन टेंपल मेल के नाम से जाता जाता है। इस ट्रेन की शुरुआत 1928 में की गई थी।

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बंटवारे से पहले ये ट्रेन मुंबई सेंट्रल से रवाना होती थी और पाकिस्तान के लाहौर और अफगानिस्तान के शहरों से होते हुए अमृतसर पहुंचती थी।

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आजादी के बाद इस ट्रेन का रूट बदल गया। यह ट्रेन मुंबई सेंट्रल से अमृतसर जंक्शन के लिए चलती है।

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