Jul 24, 2023

इस पत्थर को टस से मस नहीं कर पाया 7 हाथियों का बल

Alok Rao

फेंकी गई वस्तु नीचे गिरती है

विज्ञान की अगर बात करें तो आसमान में फेंकी गई वस्तु और पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण की वजह से नीचे आती है।

Credit: bccl

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महाबलिपुरम में है यह पत्थर

इसी तरह ढलान पर कोई भारी वस्तु टिक नहीं पाती और वह सरकते हुए नीचे आ जाती है लेकिन महाबलिपुरम के इस विशालकाय पत्थर के साथ ऐसा नहीं है।

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45 डिग्री के कोण पर टिका है

तमिलनाडु के महाबलिपुरम में 250 टन की एक ऐसी ही विशाल शिला है जो 45 डिग्री के कोण पर पहाड़ी पर टिकी है।

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भगवान कृष्ण का बटरबॉल है!

इस भीमकाय पत्थर को भगवान कृष्ण के बटरबॉल के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। इस पत्थर की ऊंचाई 20 फीट और चौड़ाई पांच मीटर है।

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4 फीट के आधार पर टिका है

खास बात यह है कि यह पत्थर महज चार फीट के आधार पर टिका हुआ है। कहा जाता है कि यह पत्थर भगवान कृष्ण का बटरबॉल है।

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स्वर्ग से नीचे गिरा!

मक्खन भगवान कृष्ण को बहुत पसंद था। कहा जाता है कि यह स्वर्ग से नीचे गिरा। यही नहीं इसे तमिल में 'वानीरई कल' कहा जाता है। इसका मतलाब 'स्टोन ऑफ द स्कॉय गॉड' कहा जाता है।

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पत्थर की छाया में बैठते हैं लोग

दूर से इस पत्थर को देखने से ऐसा लगता कि यह किसी भी वक्त नीचे लुढक सकता है लेकिन ऐसा नहीं होता। यहां तक कि पर्यटक इस पत्थर की छाया के नीचे घंटों बैठे रहते हैं।

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प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान नहीं

पत्थर के बार में कहा जाता है कि यह करीब 1200 वर्ष पुराना है। सुनामी, भूकंप और चक्रवात भी इसे टस से मस नहीं कर पाए।

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साथ हाथी भी हार गए

साल 1908 में मद्रास के गवर्नर आर्थर ने इसे हटाने का आदेश दिया। पत्थर को हटाने के लिए सात हाथी लगाए गए लेकिन पत्थर अपने स्थान पर टिका रहा।

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