Dec 10, 2024

3 साल, 8 माह, 7 दिन और 42 घंटे देरी से पहुंची भारतीय ट्रेन, इससे ज्यादा नहीं हो सकती लेट!

Anurag Gupta

सर्दियों में लेट होती ट्रेनें

सर्दियों के मौसम में कोहरे की वजह से अक्सर ट्रेनें लेट हो जाती हैं, लेकिन हम कहें कि एक ट्रेन ऐसी भी है, जो 3 साल से ज्यादा समय में भी अपने गंतव्य तक नहीं पहुंची

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ट्रेन ने बनाया रिकॉर्ड

तो आप लोगों के ज़हन में क्या ख्याल आएगा। जी, हां। एक ट्रेन इतनी ज्यादा लेट हो गई कि उसने रिकॉर्ड बना दिया।

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तख्तापलट क्या होता है?

कहां से निकली ट्रेन

साल 2014 में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से एक मालगाड़ी रवाना हुई थी जिसे 42 घंटे का सफर तय करके यूपी के बस्ती पहुंचना था, लेकिन मालगाड़ी साल 2018 में अपने गंतव्य स्थान पर पहुंची।

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कितना समय लगा?

मालगाड़ी को गंतव्य तक पहुंचने में 3 साल, 8 माह, 7 दिन और 42 घंटे का समय लगा।

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क्या था मालगाड़ी में?

बस्ती के एक व्यापारी ने मालगाड़ी से खाद मंगवाई थी जिसमें 14 लाख की कीमत की लगभग 1316 बोरियां थीं, जो गंतव्य तक पहुंचने में खराब हो गईं।

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क्यों लेट हुई ट्रेन?

जब व्यापारी के पास खाद नहीं पहुंची तो उन्होंने रेलवे से संपर्क साधा और शिकायत दर्ज कराई थी। रेलवे ने बताया था कि ट्रेन अपने रास्ते से भटक गई और लापता हो गई।

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शिकायत पर हुई कार्रवाई

एक अधिकारी के मुताबिक, अनफिट ट्रेनों को यार्ड में भेज दिया जाता है। ऐसे में मालगाड़ी को भी शायद यार्ड में भेजा गया हो। बाद में जांच हुई और 3 साल की ज्यादा देरी के बाद ट्रेन अपने गंतव्य तक पहुंच गई।

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