Oct 19, 2022
खड़गे की जीत तभी से तय मानी जा रही थी, जब उनके प्रस्तावकों की लिस्ट में 30 बड़े नेताओं का नाम था,जिससे साफ था कि वह गांधी परिवार की ओर से 'आधिकारिक उम्मीदवार' हैं।
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खड़गे को लेकर कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने विरोध नहीं दर्ज कराया, बल्कि नेताओं ने खड़गे का सपोर्ट किया। दिग्विजय सिंह ने तो खड़गे का नाम सामने आने के बाद खुद ही नामांकन दाखिल करने से मना कर दिया था।
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कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे अशोक गहलोत का खुलकर सपोर्ट करना भी खड़गे की जीत का एक मुख्य कारण है।
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने राजनीतिक जीवन में अब तक कुल 12 चुनाव लड़ा है, इनमें से वह सिर्फ 2019 में लोकसभा का चुनाव हारे हैं।
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मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के प्रति काफी वफादार थे। वह तीन बार कर्नाटक के सीएम बनने से चूके, लेकिन उन्होंने कभी भी पार्टी के खिलाफ बगावत नहीं की, जिसके आज उन्हें ईनाम मिला।
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