Jan 3, 2025

भारत का इकलौता श्मशान घाट, जहां मुर्दे से भी लिया जाता है टैक्स!

Ravi Vaish

शव का अंतिम संस्कार रीति-रिवाज के साथ होता है

भारत में शव का अंतिम संस्कार रीति-रिवाज के साथ श्मशान घाट या गंगा किनारे किया जाता है

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शव के अंतिम संस्कार के लिए टैक्स!

भारत में एक ऐसा श्मशान घाट है जहां पर शव के अंतिम संस्कार के लिए टैक्स देना पड़ता है

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वाराणसी का मणिकर्णिका घाट

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए टैक्स देना पड़ता है इस टैक्स को दान कहा जाता है

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चिता पर लेटने वाले को सीधे मोक्ष

मणिकर्णिका श्मशान घाट के बारे में मान्यता है कि यहां चिता पर लेटने वाले को सीधे मोक्ष मिलता है

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परंपरा करीब 3000 साल पुरानी है

बता दें कि मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार की कीमत चुकाने की परंपरा करीब 3000 साल पुरानी है

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राजा हरिश्चंद्र ने वचन दिया था

पौराणिक कथाओं के मुताबिक राजा हरिश्चंद्र ने वचन दिया था कि वे अपना राजपाट वामन भगवान को दान कर देंगे

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राजा हरिश्चंद्र कल्लू डोम के यहां नौकरी करने लगे

इस वचन के कारण राजा हरिश्चंद्र कल्लू डोम के यहां नौकरी करने लगे, एक बार राजा हरिश्चंद्र के बेटे की मौत हो गई

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कल्लू डोम की इजाजत मांगनी पड़ी

हरिश्चंद्र की पत्नी दाह संस्कार के लिए मणिकर्णिका घाट पहुंचीं उन्हें मजबूरन कल्लू डोम की इजाजत मांगनी पड़ी

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बिना दान दिये अंतिम संस्कार

चूंकि बिना दान दिये तब भी अंतिम संस्कार की इजाजत नहीं थी लिहाजा राजा हरीशचंद्र को मजबूरन अपनी पत्नी की

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दान मांगने की परंपरा

साड़ी का एक टुकड़ा बतौर दक्षिणा कल्लू डोम को देना पड़ा तभी से शवदाह के बदले दान मांगने की परंपरा चली आ रही है

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