Nov 29, 2022
कुल सात तरह के नंबर होते हैं जिन्हें नेचुरल नंबर, होल नंबर, इंटीजर्स, रेशनल नंबर, इरेशनल नंबर, रीयल नंबर और कांप्लेक्स नंबर नाम दिया गया है।
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इसमें 0,1,2,3,4,5,6,7,8 और 9 का इस्तेमाल होता है। इन नंबर की मदद से दूसरी संख्याएं बनाई जा सकती है, जैसे 10, 15, 100, 1000, 10000....
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इसमें दो अंकों (Digits)का इस्तेमाल करते हैं, जैसे 0 और 1। इसकी मदद से 1011, 101010, 1101101 बना सकते हैं। बाइनरी में प्रत्येक डिजिट को बिट कहा जाता है, जैसे 101 में तीन बिट्स हैं।
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हेक्सा का अर्थ 6 और डेसिमल का अर्थ 10 होता है। इसमें कुल 16 अंक होते हैं, इसमें 0 से 9 तक अंक और अंग्रेजी अल्फाबेट से A,B,C,D E का इस्तेमाल करते हैं।
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मान लें कि कोई संख्या 135 है, इसमें तीन अंक 1, 3 और 5 हैं। इन्हें फेस वैल्यू और प्लेस वैल्यू के तौर पर पढ़ा जाता है। जैसे 135 में फेस वैल्यू 1, 3 और पांच है। लेकिन फेस वैल्यू 1 का 100, 3 का 30 और 5 का पांच है।
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डेसिमल नंबर सिस्टम को हिंदू-अरेबिक न्यूमरल सिस्टम के तौर पर भी जानते हैं।इस सिस्टम का सबसे अधिक इस्तेमाल होता था। इसके पीछे वजह यह है लोगों के हाथ में 10 अंगुलियां होती है और उसके हिसाब से गणना की जाती थी।
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अगर आप से कोई पूछे कि इनमें से A, B, M F में से कौन सा हेक्साडेसिमल क्या है तो जवाब होगा A
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डेसिमल नंबर सिस्टम में कुल कितने अंक होते हैं, जवाब होगा 10
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बाइनरी सिस्टम में किन अंकों का इस्तेमाल होता है जवाब होगा 0 और 1
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