Dec 3, 2023
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह चूके नहीं हैं, उनमें दम अभी बरकरार है।
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भारतीय जनता पार्टी ने इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए ‘मामा’ को पार्टी का चेहरा नहीं बनाया जिससे कयास लग रहे थे कि उनके दिन अब लद गए। लेकिन उनकी जीत ने पार्टी की कश्मकश बढ़ा दी है।
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61 वर्षीय शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में हुआ था। शिवराज के पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान और माता का नाम सुंदर बाई है।
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मामा के नाम से मशहूर चौहान ने बुधनी सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ा है और इस बार वह छठी बार मैदान में थे। चौहान ने 1990 में बुधनी से विधानसभा चुनाव जीता था।
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एक किसान का बेटा होने की पहचान लिए शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार में लगाए गए आपात काल का विरोध किया था, इस दौरान वह साल 1976-77 में जेल भी गए।
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शिवराज सिंह चौहान जब महज 13 साल के थे तब साल 1972 में वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे।
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शिवराज सिंह चौहान ने साल 1996 में हुए 11वें लोकसभा चुनाव के दौरान फिर विदिशा दे चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 1998 में जब 12वीं लोकसभा का चुनाव हुआ तो वह विदिशा से ही तीसरी बार सांसद चुने गए।
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इसके बाद साल 1999 में हुए 13वें लोकसभा चुनाव के दौरान शिवराज चौथी बार सांसद बने। इस चुनाव के बाद केंद्र में भाजपा समर्थित एनडीए की सरकार सत्ता में आई।
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2004 में हुए 14वें लोकसभा चुनाव के दौरान शिवराज पांचवीं बार सांसद चुने गए। जबकि साल 2005 में शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया।
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29 नवंबर 2005 को जब बाबूलाल गौर ने अपने पद से इस्तीफा दिया तो शिवराज पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इसके अगले ही साल उन्होंने बुधनी विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
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