Apr 07, 2025
शाहजहां मुगल सम्राट जहांगीर के पुत्र और अकबर के पोते थे।
Credit: leonardo.ai
वह ज्योतिष शास्त्र में काफी विश्वास रखते थे।
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शाहजहां के शासनकाल में वास्तुशिल्प और खगोलशास्त्र का भी बड़ा महत्व था।
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ताजमहल जैसे अद्भुत निर्माण में भी ज्योतिषीय पहलुओं का ध्यान रखा गया था।
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उस समय किसी भी महत्वपूर्ण कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त निकाला जाता था।
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शाहजहां अपने कार्यों के लिए दरबारी ज्योतिषियों से परामर्श लिया करते थे।
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मुगल दरबार में खगोलविद् और ज्योतिषियों को एक सम्मानजनक स्थान प्राप्त था।
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धार्मिकता और परंपरागत विश्वासों के चलते शाहजहां ग्रह-नक्षत्रों की चाल और भविष्यवाणियों पर विश्वास करते थे।
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शाहजहां का शासनकाल (1628-1658) मुगल साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है।
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