Dec 11, 2024

इस मुगल शहजादे को था हिंदू धर्म से बेहद लगाव, हुआ दर्दनाक अंत

Amit Mandal

दारा शिकोह को हिंदू धर्म से था लगाव

मुगल शहजादे दारा शिकोह को हिंदू धर्म से बहुत लगाव था, लेकिन उन्हें पंडितजी भी कहते थे, लेकिन उनका अंत दर्दनाक रहा।

Credit: Wikimedia/Meta-AI

हिंदू धर्मग्रंथों के मुरीद

दारा शिकोह हिंदू धर्मग्रंथों के मुरीद थे और भारतीय उपनिषद और दर्शन से अच्छी तरह से वाकिफ थे।

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दारा शिकोह की सोच

दारा शिकोह का मानना था कि हिंदू और मुस्लिम धर्म में कुछ छोटे-मोटे अंतर को छोड़कर कोई अंतर नहीं है।

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दो समुद्रों का मिलन

उन्होंने हिंदू और मुस्लिम धर्मों के एक साथ होने को 'मजमा-ए-उल-बहरीन' यानी दो समुद्रों का मिलन नाम दिया था।

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सत्ता की लालसा से दूर

दारा शिकोह, मुगल बादशाह शाहजहां और मुमताज महल का बड़ा बेटा था। दारा विनम्र और उदार ह्दय का था और सत्ता पाने की उसकी कोई लालसा नहीं थी।

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औरंगजेब ने कराई हत्या

उसका छोटा भाई औरंगजेब बेहद कट्टर था। औरंगजेब ने सत्ता पाने के लिए और इस्लाम के प्रति अपनी कट्टरता के चलते दारा शिकोह की हत्या करवा दी थी।

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दो बार युद्ध में हारा दारा शिकोह

युद्ध में दारा शिकोह दो बार, पहले आगरे के निकट सामूगढ़ में (जून, 1658) फिर अजमेर के निकट देवराई में (मार्च, 1659), पराजित हुआ।

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दारा का सिर दिल्ली में घुमाया

अंत में 10 सितंबर 1659 को दिल्ली में औरंगजेब ने उसकी बेरहमी से हत्या करवा दी। फिर दारा शिकोह का सिर धड़ से काटकर उसका दिल्ली में लोगों के बीच घुमाया गया।

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दारा का सिर शाहजहां को भेजा

फिर दारा शिकोह का सिर आगरा ले जाकर शाहजहां के पास भिजवाया गया। एक बक्से में इसे शाहजहां के पास भेजा गया जिसे देश शाहजहां बेहोश होकर गिर पड़ा।

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