दिवाली के दिन इस जनजाति के लोग मनाते है शोक, कारण जान हैरान रह जाएंगे आप

Shashank Shekhar Mishra

Oct 31, 2024

दिवाली खुशियों का त्योहार है। प्रभु श्रीराम के अयोध्या लौटने का जश्न है।

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मगर भारत में ही एक ऐसा भी समुदाय है जो इस त्योहार के दिन खुशियां नहीं दुख मनाता है।

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इस जनजाति के लोग इस त्योहार के मौके पर भगवान को नहीं, मरे हुए लोगों को याद करते हैं।

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भारत के उत्तराखंड से लेकर बिहार तक के तराई इलाकों में थारू जनजाति लोग रहते हैं।

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जनजाति से जुड़ी सबसे हैरान करने वाली मान्यता है दिवाली के दिन शोक मनाना।

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थारू जनजाति

जी हां, आपने सही पढ़ा जब पूरी दुनिया दिवाली के दिन खुशियां मनाती है तब ये जनजाति शोक में डूबी रहती है।

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मगर इसके पीछे जो कारण है वो भी काफी हैरान करने वाला है।

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इस जनजाति के लोग दिवाली नहीं मनाते बल्कि वो इसे दिवारी कहते हैं।

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इस दिन वो अपने पूर्वजों को याद करते हैं।

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थारू

रिपोर्ट्स की मानें तो थारू जनजाति के लोग दिवाली के दिन अपने परिवार के गुजर चुके लोगों को याद करते हैं।

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जो दिवाली के दिन या उसके आसपास दुनिया छोड़ गए थे।

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स्वर्गवासी लोगों को करते है याद

इस दिन वो अपने स्वर्गवासी परिवार वालों के लिए एक पुतला तैयार करते हैं और दिवारी के दिन उसे जलाते हैं।

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पुतला जलाने के बाद वो अपने सभी घर वालों को भोज पर घर बुलाते हैं।

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