Sep 5, 2023

लॉन्चिंग के लिए 'ब्रह्मास्त्र' है PSLV, नहीं करता कभी मायूस

Alok Rao

अपने काम में माहिर है PSLV

PSLV रॉकेट आईआरएस सीरीज के उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचा चुका है।

Credit: isro

यहां पढ़ें आज की बड़ी खबरें

भारी पेलोड ले जा सकता है

यह 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर 1750 किलोग्राम का पेलोड आसानी से ले जा सकता है।

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​भारत की तीसरी पीढ़ी का रॉकेट​

यह भारत की तीसरी पीढ़ी और तरल ईंधन से संचालित होने वाला देश का पहला लॉन्च व्हीकल है।

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1994 में पीएसएलवी का सफल परीक्षण

अक्टूबर 1994 में पीएसएलवी का सफल परीक्षण हुआ और इसके बाद से यह इसरो का सबसे भरोसेमंद लॉन्च व्हीकल बना हुआ है।

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​46 उपग्रह तय कक्षा में पहुंचे​

जून 2019 तक PSLV के जरिए 48 प्रक्षेपण हुए जिनमें से 46 उपग्रह तय कक्षा में पहुंचे।

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33 देशों के उपग्रह स्थापित किए​

PSLV का इस्तेमाल करते हुए इसरो अब तक 33 देशों के 297 उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर चुका है।

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आदित्य एल-1 को स्थापित किया

पीएसएलवी ने अंतरिक्ष यान को 'सटीक कक्षा' में स्थापित किया। आदित्य एल-1 का प्रक्षेपण दिन के11:50 बजे हुआ।

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​पीएसएलवी, सी-57 से छोड़ा गया​

भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को गत दो सितंबर को पीएसएलवी, सी-57 से छोड़ा गया।

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​सूर्य के करीब नहीं जाएगा

इसरो ने कहा है कि आदित्य-एल1 न तो सूर्य पर उतरेगा और न ही इसके करीब जाएगा।

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