Feb 24, 2025
महाराणा संग्रामसिंह उर्फ राणा सांगा साल 1509 में मेवाड़ के उत्तराधिकारी बने।
Credit: Meta AI
मेवाड़ पर इनका शासन 1509 ई. से 1527 ई तक रहा।
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राणा सांगा सिसोदिया राजवंश सूर्यवंशी शासक थे।
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राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी, बाबर, खिलजी के साथ युद्ध लड़ा।
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विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ इन्होंने राजपूतों को एकजुट किया।
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युद्ध के मैदान में राणा सांगा ने लोधी, खिलजी, बाबर सभी को धूल चटाई थी।
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युद्ध लड़ते-लड़ते उनके शरीर पर 80 घाव हो गए थे।
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राणा सांगा की एक आंख, एक हाथ और एक पैर क्षतिग्रस्त हो गया था।
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इन घावों की वजह से उन्हें 'मानवों का खंडहर' भी कहा जाता है।
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