Mar 24, 2025
मेवाड़ के शासक संग्राम सिंह, जिन्हें राणा सांगा के नाम से भी जाना जाता है, एक महान योद्धा थे जिन्होंने कई अविश्वसनीय युद्ध जीते थे।
Credit: Wikimedia
सिर्फ एक आंख और एक स्वस्थ हाथ के साथ उन्होंने अपने पूरे जीवन में बहादुरी से लड़ाई लड़ी। वह 1508 में मेवाड़ के शासक बने और साम्राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले गए।
Credit: Wikimedia
राणा सांगा के नेतृत्व में मेवाड़ की सीमाएं दूर-दूर तक फैलीं, पूर्व में आगरा और दक्षिण में गुजरात की सीमा तक उनका शासन था।
Credit: Wikimedia
21 अप्रैल, 1526 को बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी पर जीत हासिल की, जो उसका पांचवां प्रयास था। यहीं से बाबर मजबूत होने लगा।
Credit: Wikimedia
इस सफलता के बाद बाबर ने भारत में अपना प्रभाव और बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन राणा सांगा उसके सामने एक बड़ी बाधा बन कर खड़े थे।
Credit: Wikimedia
इससे टकराव की स्थिति पैदा हो गई और पहला बड़ा युद्ध फरवरी 1527 में भरतपुर के खानवा में हुआ और पहली बाजी राजपूतों के हाथ लगी।
Credit: Wikimedia
लेकिन अचानक एक तीर राणा सांगा के आंख में लगा और वह मजबूरन युद्ध भूमि से दूर गए और राजपूतों की युद्ध में हार हुई।
Credit: Wikimedia
इसके बाद बाबर ने युद्ध विरोधी सरदारों को अपनी ओर मिला लिया और सांगा को जहर देकर मार दिया गया। महाराणा सांगा की 30 जनवरी 1528 ई. में 46 साल उम्र में मृत्यु हो गई।
Credit: Wikimedia
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स