Dec 14, 2022
BY: ललित रायभारतीय राजनीति में चंद्रशेखर सिंह वो नाम हैं जो हमेशा याद किए जाएंगे। धारा के विपरीत वो काम करते थे इसलिए युवा तुर्क कहलाए। उन्हें कई अवसर मिले जब वो मंत्री बन सकते थे लेकिन प्रण था कि बनेंगे तो सीएम पीएम। वी पी सिंह सरकार के बाद वो पीएम भी बने।
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जनेश्वर मिश्र को छोटे लोहिया के नाम से भी जाना जाता है। समाजवादी आंदोलन के बड़े नेताओं में से एक थे। इनके बारे में कहा जाता था कि गरीब गुर्बा के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते थे।
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केदारनाथ सिंह की गिनती प्रगतिशील कवियों में की जाती है। लेकिन कविताओं के जरिए उन्होंने समाज की उस तस्वीर को पेश किया है जिसके उत्थान की बात आज भी होती है।
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भृगुसंहिता के रचनाकार,यज्ञों मे ब्रह्मा बनने वाले , त्रिदेवों की परीक्षा में भगवान विष्णु की छाती पर लात मारने वाले मुनि के तौर पर जाने जाते हैं।
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बलिया शहर से थोड़ी दूरी पर पश्चिम दिशा में यह ताल है और पक्षी विहार भी घोषित किया जा चुका है।
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बलिया जिला गंगा और घाघरा के दोआब में बसा हुआ है। प्रशासनिक तौर पर यह आजमगढ़ मंडल का हिस्सा और उत्तर प्रदेश का सीमांत पूर्वी जिला है जिसकी सीमा बिहार से साझा होती है। बलिया जिला ट्रेन और सड़क मार्ग से देश के दूसरे हिस्सों से जुड़ा हुआ है।
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बलिया में ददरी का मेला देश का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला है। बलिया शहर से करीब तीन किमी दूर लाखों की संख्या में पशुओं के खरीदार आते हैं।
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गंगा-सरयू के द्वाबा में यह एक झील है । इसका भौगोलिक क्षेत्रफल करीब 42 किमी है और विदेशी पक्षियों का दुर्लभ नजारा इसका मुख्य आकर्षण है।
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