Apr 29, 2025
टीपू सुल्तान, भारतीय इतिहास का वो नाम जिसने अपनी बहादुरी से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे और आखिरी सांस तक मुकाबला किया था।
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उनकी बहादुरी के किस्से सबकी जुबान पर हैं, लेकिन युद्ध में उनकी हार की सबसे बड़ी वजह उनके एक कमांडर की गद्दारी थी।
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जब अंग्रेजी सेना के पास खाने-पीने का सामान खत्म होने लगा था। तब अंग्रेज सेनापति जॉर्ज हैरिस के निर्देश पर किले के बाहर पांच हजार सैनिक खाइयों में छिप गए।
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जब हमले का समय करीब आया तो टीपू सुल्तान के गद्दार सिपाही ने मीर सादिक ने वेतन के बहाने अपने सैनिकों को पीछे की ओर बुला लिया।
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उधर से कुछ और गद्दार सिपाहियों ने सफेद रुमाल के जरिए अंग्रेजों को इशारा कर दिया। यही से बाजी टीपू सुल्तान के खिलाफ हो गई।
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मौका देखकर अंग्रेज सैनिक किले में प्रवेश कर गए और इसी बीच टीपू का वफादार कमांडर गफ्फार तोप के हमले में मारा गया।
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टीपू सुल्तान खुद युद्ध में उतरे, उन्होंने न परंपरागत पगड़ी बांधी और न ही शरीर पर कोई ऐसा निशान धारण किया जिससे उन्हें पहचाना जा सके।
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वह अंग्रेजों पर पूरी ताकत से टूट पड़े। इस दौरान कई अंग्रेज सैनिक और अफसर दोनों मारे गए। लेकिन अंत में अंग्रेजों ने उन्हें घेर लिया और गोलियों से मौत के घाट उतार दिया।
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