दुश्मनों के लिए खौफ का दूसरा नाम है ये 3 जंगी जांबाज, आज भारतीय नौसेना में हुए शामिल

Shashank Shekhar Mishra

Jan 15, 2025

पीएम मोदी ने आज भारतीय नौसेना में 2 जंगी जहाज और 1 पनडुब्बी को शामिल किया।

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आइए जानते है इन तीनों की खूबियों के बारे में।

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इस लिस्ट में पहला नाम है INS Surat का जिसे मिसाइलों के लिए काल कहा जाता है।

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INS Surat P15B गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम युद्धपोत है।

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INS Surat

INS Surat से एक साथ 16 ब्रह्मोस मिसाइलें दागी जा सकती है। आईएनएस सूरत की लंबाई 163 मीटर है और इसकी रफ्तार 55.56kmph है।

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INS Nilgiri

इस लिस्ट में दूसरा नाम INS Nilgiri का आता है। ये भारतीय नौसेना का पहला स्टेल्थ फ्रिगेट है। आईएनएस नीलगिरि भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17ए के तहत पहला स्टेल्थ फ्रिगेट है जो समुद्री सुरक्षा में एक नई दिशा देगा। इसे 28 दिसंबर 2017 को नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था। 28 सितंबर 2019 को ये लॉन्च किया गया था। ये 6670 टन का है और 149 मीटर लंबा है।

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भारतीय नौसेना का पहला स्टेल्थ फ्रिगेट

आईएनएस नीलगिरि की रफ्तार 30 kmph है। यह एयर डिफेंस गन और 8 लंबी दूरी की सर्फेस टू एयर मिसाइल से लैस है। यह एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए वरुणास्त्र, एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से भी लैस है। आईएनएस नीलगिरी में दो हेलिकॉप्टर लैंड कर सकते हैं।

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INS Vaghsheer

इस सूची में तीसरा नाम INS Vaghsheer का आता है। ये दुश्मन के रडार को चकमा देने में माहिर है। आईएनएस वाघशीर P75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट की छठी और आखिरी पनडुब्बी है। इसका निर्माण फ्रांस के नेवी ग्रुप के सहयोग से किया गया है। यह पनडुब्बी दुश्मन के रडार से बचने, इलाके की निगरानी करने, खुफिया जानकारी जुटाने में माहिर है।

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18 टारपीडो से लैस है आईएनएस वाघशीर

INS Vaghsheer में 18 टारपीडो और ट्यूब-लॉन्च एंटी-शिप मिसाइलों को भी लगाया गया है। वाघशीर का नाम हिंद महासागर में पाई जाने वाली सैंड फिश के नाम पर है। यह डीप सी प्रीडेटर के नाम से भी जानी जाती है। INS वाघशीर की ऊंचाई 40 फीट है। पानी के अंदर इसकी रफ्तार 35kmph है और पानी की सतह पर 20kmph है।

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