Jan 9, 2025

आखिरी बादशाह की इन गलतियों की वजह से भारत में खत्म हो गया मुगलों का राज

Amit Mandal

बहादुर शाह जफर को पेंशन

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के संरक्षक बहादुर शाह जफर को एक लाख रुपये की मासिक पेंशन मिलती थी।

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ताकत हुई बहुत कमजोर

इस पेंशन पर पूरी तरह से निर्भर रहने के कारण, उनकी ताकत बहुत कमजोर हो गई थी। वह चाहकर भी कुछ नहीं कर सके।

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उत्तराधिकार को लेकर विवाद

बहादुर शाह जफर के परिवार में उत्तराधिकार को लेकर विवाद थे, जिससे आंतरिक कलह बढ़ी और वे कमजोर हुए।

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1857 के विद्रोह में कमजोर साबित

1857 के विद्रोह के दौरान बहादुर शाह जफर नेतृत्व नहीं दिखा सके और उनकी इसी कमजोरी ने अंग्रेजों को मजबूत किया।

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अंग्रेजों की ताकत को कम आंका

बहादुर शाह जफर अंग्रेजों की सैन्य और राजनीतिक शक्ति को पहचान नहीं सके और इसे कम करके आंका इसके कारण विद्रोह पूरी तरह असफल रहा।

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अचानक हुआ 1857 का विद्रोह

1857 के विद्रोह की कोई योजना नहीं बनी थी ये अचानक ही शुरू हुआ था। जफर इसे समझ ही नहीं पाए।

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छोटी सेना पड़ी कमजोर

बहादुर शाह जफर की ताकत काफी कमजोर हो चुकी थी, अपनी छोटी सेना के साथ वह अंग्रेजों का मुकाबला नहीं कर सकते थे।

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रंगून निर्वासित कर दिया गया

अंत में बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों ने रंगून निर्वासित कर दिया था जहां उनकी मौत भी हुई और इसी के साथ भारत में मुगलों की सत्ता का अंत हो गया।

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