कुतुब मीनार से भी ऊंचा होगा श्रीहरिकोटा का तीसरा लॉन्च पैड, अंतरिक्ष में होगा भारत का राज
Amit Mandal
परवान चढ़ रहे इसरो के मिशन
अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण, मानवयुक्त गगनयान (Gaganyaan) अभियान और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री भेजने की इसरो की योजना लगातार परवान चढ़ रही है।
Credit: ISRO
इतना ताकतवर होगा
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में बनाया जाने वाला तीसरा प्रक्षेपण स्थल 8,000 टन की मौजूदा क्षमताओं के मुकाबले 30,000 टन वजनी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर सकेगा।
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3,985 करोड़ रुपये की लागत
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3,985 करोड़ रुपये की लागत से तीसरा प्रक्षेपण स्थल स्थापित करने को गुरुवार को मंजूरी दे दी।
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कुतुब मीनार से भी ऊंचा होगा
ISRO अगली पीढ़ी का प्रक्षेपण यान (NGLV)भी विकसित कर रहा है, जिसकी ऊंचाई 91 मीटर होगी। यह 72 मीटर ऊंची कुतुब मीनार से भी ऊंचा होगा।
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चार साल के भीतर निर्माण का लक्ष्य
इस तीसरे प्रक्षेपण स्थल को चार साल की अवधि के भीतर स्थापित करने का लक्ष्य है।
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पहला प्रक्षेपण स्थल 30 साल पहले बना
पहला प्रक्षेपण स्थल 30 साल पहले पीएसएलवी अभियानों के लिए बनाया गया था और यह छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) के लिए भी प्रक्षेपण में मदद करता है।
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20 साल पहले बना था दूसरा प्रक्षेपण स्थल
दूसरा प्रक्षेपण स्थल 20 साल पहले बना था और यह मुख्य रूप से जीएसएलवी और एलवीएम3 के लिए स्थापित किया गया था और यह पीएसएलवी के लिए भी विकल्प के रूप में भी कार्य करता है।
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चंद्रयान-3 मिशन को दिया अंजाम
20 साल से काम कर रहे दूसरे प्रक्षेपण स्थल ने चंद्रयान-3 मिशन सहित पीएसएलवी/एलवीएम3 के कुछ वाणिज्यिक अभियानों को सक्षम बनाता है।
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