इतिहास के वो 5 बहादुर घोड़े, मराठा से लेकर मारवाड़ तक किए बड़े कारनामे

Ayush Sinha

Sep 13, 2023

छत्रपति शिवाजी के पास 7 घोड़े मोती, विश्वास, रणवीर, गजरा, कुष्णा, तुरंगी और इंद्रायणी थे।

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अंतिम दिनों में वीर शिवाजी के साथ कृष्णा था। इस घोड़े की तेज रफ्तार का कोई जवाब नहीं था।

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रानी लक्ष्मीबाई के पास तीन भी घोड़े थे। जिनका नाम सारंगी, पवन और बादल था।

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बादल पर बैठकर रानी लक्ष्मीबाई अपने किले की 100 फीट ऊंची दीवार को पार कर गईं थी।

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महाराणा प्रताप के पास तीन घोड़े चेतक, त्राटक और अटक थे। चेतक की रफ्तार हवा की तरह थी।

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हल्दी घाटी की लड़ाई में चेतक ने दुश्मनों की छाती पर चढ़कर वार किया। वीरगति को प्राप्त हुआ।

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सिकंदर का सबसे प्रिय घोड़े का नाम ‘Bucephalus’ था। जिसके साथ वो भारत आया था।

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जब सिकंदर 13 वर्ष का था, तभी उसने इस घोड़े मेसिडोनिया के एक व्यापारी से खरीदा था।

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महाराजा रणजीत सिंह को घोड़ों का शौक था। उन्हें एक बार 'सिरी' नाम की घोड़ी भा गई थी।

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यार मोहम्मद खान के पास से घोड़ी को लाने में 60 लाख रुपये खर्च किए। उसका नाम 'लैला' रखा।

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