किन्नर इस 'देवी' की करते हैं पूजा, यहां है मंदिर, चढ़ाते हैं चांदी का मुर्गा​

Dec 11, 2022

By: रवि वैश्य

किन्नर समाज की जानकारी

हमारे समाज में किन्नरों के बारे में जानने की उत्सुकता लोगों के मन में होती है कि वो लोग कैसा जीवन जीते हैं लेकिन बहुत कम जानकारी इस कम्युनिटी के बारे में सामने आती है।

Credit: Ranvijay-Singh-ranvijayT90_Twitter

थर्ड जेंडर को भी मान्यता

इस थर्ड जेंडर को लोगों को भारत में किन्नर के नाम से जाना जाता है यानी ये न तो पूरे स्त्री होते हैं और न ही पुरुष इन्हें और भी कई नामों से बुलाते हैं जैसे ट्रांस्जेंडर, हिजड़ा आदि

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इन देवी की पूजा करते हैं

किन्नरों की कुलदेवी का नाम बहुचरा देवी (Bahuchara Mata) है, इन्हें 'मुर्गे वाली माता' भी कहा जाता है क्योंकि इनका वाहन मुर्गा है, किन्नर इन देवीजी की पूजा जरूर करते हैं

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'अर्धनारीश्वर' के रूप में पूजते हैं

वैसे तो इनके देश में कई मंदिर हैं लेकिन मुख्य मंदिर गुजरात के मेहसाणा में है इस मंदिर में 'मुर्गे वाली माता' की प्रतिमा विराजमान है

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किन्नर पूजा के लिए आते हैं

किन्नरों के अलावा स्थानीय लोगों की भी बहुचरा माता में काफी आस्था है बताते हैं कि बहुत से राक्षसों का एकसाथ संहार करने के कारण इनका नाम 'बहुचरा' पड़ा है

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'मुर्गे वाली माता'

किन्नर देश भर में जहां भी रहते हैं वहां इनकी पूजा जरूर करते हैं किन्नर समुदाय (Transgenders) बहुचरा माता को अर्धनारीश्वर के रूप में पूजते हैं।

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मां शक्ति का दिव्य स्वरूप

बहुचरा माता एक मुर्गे पर विराजमान है, जो मासूमियत का प्रतीक है बहुचरा माता ने एक साथ कई राक्षसों का वध किया था इसीलिए देवी मां को बहुचरा नाम दिया गया

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काला मुर्गा चढ़ाते थे

किन्नर अपनी कुलदेवी बहुचरा को 'चांदी' से निर्मित 'मुर्गे' चढ़ाते हैं पहले बहुचरा माता को किन्नर काला मुर्गा चढ़ाते थे बाद में इस पर रोक लगा दी गई, इसके बाद से वे चांदी का मुर्गा चढ़ाते हैं।

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'मुर्गे वाली माता' की पूजा-अर्चना

मान्यता है कि उनके आशीर्वाद से ही किन्ररों की सारी दुआएं लगती हैं, सभी काम बनते हैं, वो अपने हर अनुष्ठान से पहले वे बहुचरा माता की पूजा जरूर करते हैं

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