Jul 21, 2023
किन्नर भी हमारे समाज के लोग हैं। वह हमारे बीच और हमारे आस पास रहते हैं। उनसे जुड़े हुए किस्से एवं कहानियां भी हैं जिनके बारे में हम कम जाते हैं।
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किन्नर एक रात के लिए दुल्हन बनते हैं। वे अपने ही देवता से एक रात के लिए शादी करते हैं। किन्नर 'अरावन' को अपना देवता मानते हैं।
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कहा जाता है कि अरावन पांडव पुत्र अर्जुन और नाग कन्या उलूपी की संतान हैं। कई जगह 'अरावन' को इरावन भी कहा जाता है।
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तमिलनाडु में 'अरावन' मंदिर है। यहां 'अरावन' देवता का विवाह किन्नरों से किया जाता है। यह मंदिर विल्लुपुरम जिले के कूवगम गांव में है।
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विवाह के अगले दिन 'अरावन' देवता की मृत्यु हो जाने के साथ ही ये किन्नर खुद को विधवा घोषित कर लेते हैं।
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यहां चलने वाले उत्सव में शामिल होने के लिए देश भर से किन्नर पहुंचते हैं। यहां आने वाले किन्नर 16 दिनों तक खुशी मनाते हैं।
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मंदिर में 17 दिन तक विशेष पूजा के बाद 'अरावन' मंदिर में शादी होती है। किन्नरों को मंगलसूत्र पहनाया जाता है।
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18वें दिन दुल्हन बने किन्नर अपना मंगलसूत्र तोड़ और सभी श्रृंगार मिटा देते हैं। विधवा के रूप में ये खूब विलाप करते हैं।
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इसके बाद वे अपने सामान्य जीवन की दिनचर्या में लौट आते हैं। कुछ किन्नर ऐसे भी हैं जो बाद में शादी कर लेते हैं और कुछ लिव इन में रहते हैं।
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