Nov 18, 2022

सावरकर का वो सच, जिसे जानकर उड़ जाएंगे होश

रामानुज सिंह

सावरकर को 25-25 साल कैद की सुनाई थीं दो सजाएं

विनायक दामोदर सावरकर को अंग्रेजों ने 25-25 साल कैद की दो सजाएं सुनाई थीं। उन्हें 4 जुलाई 1911 को काला पानी की सजा में अंडमान भेजा गया था।

Credit: BCCL

13.5x7.5 फीट की कोठरी में रखा गया था

सेल्युलर जेल में सावरकर को कोठरी नंबर 52 में रखा गया था। ये कोठरी 13.5x7.5 फीट की थी, 9 फीट की ऊंचाई पर एक खिड़की थी।

Credit: BCCL

22-22 घंटे कोठरी के अंदर रखा जाता था

सेल्युलर जेल में कभी कभी 22-22 घंटे कोठरी के अंदर रखा जाता था।

Credit: BCCL

पैरों में लोहे की बेड़ियां, हाथों में होती थीं हथकड़ियां

कैदियों के पैरों में लोहे की बेड़ियां और हाथों में हथकड़ियां होती थीं।

Credit: BCCL

जेल में कोठरी के एक कोने में ही था शौचालय

कैदियों को अक्सर जेल की कोठरी के एक कोने को ही शौचालय बनाना पड़ता था।

Credit: BCCL

जेल में सरसों तेल पेरने पड़ते थे

कैदियों को कोल्हू में बांधकर सरसों तेल पेरने का काम करवाया जाता था।

Credit: BCCL

जेल में रोज 13 किलोग्राम नारियल तेल निकालते थे

हर कैदी 30 पाउंड यानी करीब 13 किलोग्राम नारियल तेल रोज निकालता था।

Credit: BCCL

बुरी तरह से पीटा भी जाता था

दिया गया काम नहीं करने पर कैदियों को बुरी तरह से पीटा जाता था।

Credit: BCCL

कैदी के तौर पर बग्घी भी खींचते थे

अंडमान में ब्रिटिश अधिकारी बग्घी में चलते थे, वो बग्घी यही कैदी खींचते थे। इस पहाड़ी इलाके में जब बग्घी नहीं खींच पाते थे तो उन्हें पीटा जाता था। हर महीने सेल्युलर जेल में तीन से चार कैदियों को फांसी भी दी जाती थी।

Credit: BCCL

Thanks For Reading!

Next: Saudi Arabia जाने वाले 'भारतीयों' को मिली ये 'बड़ी राहत'