Oct 23, 2024
सिक्किम की महारानी रहीं होप कुक के बारे में कहा जाता है कि वह अमेरिका की जासूस थीं और उनके दखल की वजह से ही लंबे वक्त तक सिक्किम का भारत में विलय नहीं हो पाया
Credit: Wikimedia-Commons
सिक्किम के युवराज पाल्डेन थोंडुप नामग्याल की होप कुक से पहली मुलाकात 1959 में दार्जीलिंग के विंडामेयर होटल में हुई थी जो रईस लोगों का ठिकाना हुआ करता था।
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होप कुक छुट्टियां मनाने भारत आई थीं और सिक्किम भी घूमने गई थी जहां युवराज थोंडुप भी अक्सर आया करते थे। उस समय होप कुक की उम्र सिर्फ 19 साल थी। जबकि युवराज 36 साल के थे और उनकी पत्नी का देहांत हो चुका था और वह तीन बच्चों के पिता थे।
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युवराज नामग्याल ने जब होटल में पहली हार होप कुक को देखा और आकर्षित हो गए और बातचीत शुरू हो गई। 1961 में होप कुक दोबारा भारत आईं और इस बार युवराज ने कुक के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया और वह तैयार हो गईं।
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20 मार्च 1963 को युवराज नामग्याल और होप कुक की शादी हुई। भारत में अमेरिकी राजदूत जॉन केनेथ भी शादी में शामिल हुए। युवराज से शादी के बाद होप कुक ने अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी।
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बीबीसी हिंदी के मुताबिक महारानी बनते ही होप कुक से मिलने वाले विदेशी मेहमानों की संख्या अचानक बढ़ने लगी। अमेरिकी राजदूत से लेकर अमेरिकी कांग्रेस के सीनेटर उनसे मिलने गंगटोक आए।
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इन मुलाकातों के बाद खबर गर्म होने लगी कि होप कुक वाकई अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की एजेंट हैं। CIA ने उन्हें अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए गंगटोक में प्लांट किया है।
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होप कुक अक्सर भारत पर तंज कसने लगीं और भारत विरोधी बयान देने लगीं। वह सिक्किम को भारत में विलय से दूर रखने के लिए चोग्याल को लगातार उकसा रही थीं।
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भारत के सख्त रुख के कारण आखिरकार 14 अगस्त 1973 को होप कुक सिक्किम छोड़कर वापस अमेरिका लौट गईं और वहां पहुंचते ही चोग्याल से तलाक मांग लिया और दोबारा अमेरिका की नागरिकता ले ली।
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