Oct 27, 2023
चंद्रयान-3 मिशन को गलतियों से बचने के लिए बहुत सावधानियों और अपग्रेडेड के साथ बनाया गया था। इस अद्भुत चंद्र मिशन के अज्ञात तथ्यों के बारे में यहां जानिए।
Credit: ISRO
चंद्रयान-3 मिशन पिछले इसरो मिशन से कई बड़े अपडेट से गुजरा। विक्रम लैंडर मॉडल और लैंडिंग सिस्टम में इसरो ने कई सबसे महत्वपूर्ण सुधार किए।
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सॉफ्ट लैंडिंग प्लानिंग और टैक्नोलॉजी सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र था जिसमें इसरो को अन्य देशों की तरह महारत हासिल करनी थी। अंत में अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की।
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चंद्रयान मिशन का प्रक्षेपण यान LVM3 था। मिशन से पहले यान कई संशोधनों और कई विंड टनल टेस्ट से गुजरा।
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इसरो ने अध्ययन के लिए विशेष रूप से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को चुना क्योंकि कहा जाता है कि इस क्षेत्र में विभिन्न खनिज हैं और यह क्षेत्र समय के साथ कई बदलावों से गुजरता है।
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विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र में विभिन्न रूपों में पानी है। जिसका उपयोग भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है।
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अब विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के स्लीप मोड से बाहर नहीं निकल पाने के कारण चद्रयान-3 मिशन को रोक दिया गया है।
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इसरो को उम्मीद है कि लैंडर और रोवर किसी दिन जागने का फैसला करेंगे और वे फिर से काम करने का प्रयास जारी रखेंगे।
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हालांकि, चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा पर 14 दिनों में इसके दक्षिणी ध्रुव के बारे में फैक्ट को उजागर कर अपने उद्देश्यों को पहले ही पूरा कर लिया है।
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इसरो वैज्ञानिकों के मुताबिक विक्रम लैंडर के अनप्लांड जंप प्रयोग ने इस मिशन के उम्मीदों से कहीं बेहतर किया।
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अब, इसरो चंद्रयान -3 मिशन के चरण 2 का संचालन करने की प्रतीक्षा कर रहा है। लेकिन संभावना नहीं के बराबर है। यह पूरी तरह से विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के जागने पर निर्भर करता है।
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