INDIAN ARMY की वो पाठशाला, जहां तैयार होते हैं आतंकियों के 'किलर'

Ayush Sinha

Nov 18, 2024

क्या आप भारतीय सेना के उस गुरुकुल के बारे में जानते हैं, जहां योद्धा तैयार किए जाते हैं?

Credit: Social-Media

कोर बैटल स्कूल वो इंस्टीट्यूट है, जहां सैनिकों को फौलाद बनाने की ट्रेनिंग होती है।

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कोर बैटल स्कूल में भारतीय सैनिकों को छद्म युद्ध की ट्रेनिंग दी जाती है।

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बर्फ के बीच और पहाड़ों पर इस स्कूल का होना भी रणनीति का बड़ा हिस्सा है।

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भारतीय सेना उन दुश्मनों का सामना कैसे करती है जो छिपकर, अंधेरे में, पीठ पर वार करता है?

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CBS का मोटो

कॉर्प बैटल स्कूल का यही मोटो है, कि वो ऐसे जोशीले वॉरियर तैयार करे जो युद्ध को तत्पर रहें।

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कब जरूरत महसूस हुई?

जब कश्मीर में पाकिस्तान से हथियारबंद आतंकियों को भेजा जाने लगा। पाकिस्तानी आर्मी ने आतंकियों के साथ मिलकर LoC और कश्मीर में प्रॉक्सी वार छेड़ दी। जंग का ये एकदम नया स्वरूप था। इसी के बाद इस पलटन की जरूरत महसूस हुई।

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क्या सीखते हैं योद्धा?

इन स्कूल में आतंकवादियों की रणनीति से दो कदम आगे सोचने की सहूलियत पैदा की जाती है। आतंकियों का बैटल ग्राउंड पुराने रणक्षेत्रों से बिल्कुल अलग है। इसलिए CBS के इंस्ट्रक्टर जवानों की पारंपरिक युद्ध वाली मानसिकता बदलते हैं।

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आतंकियों का अंत

पहाड़ मैदानों से बिल्कुल अलग है। ऐसे में कठिन पहाड़ी जंगलों में अनजान अनदेखे दुश्दुमन को मार कर मिटाने के लिए जवानों की फिटनेस शानदार नहीं, बल्कि जोशीली और जुझारू होनी चाहिए। जिसके लिए यहां इंटरनेशनल दर्जे की ट्रेनिंग होती है। जिससे आतंकियों का खात्मा हो सके।

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