जानें IPC की धाराओं का मतलब, देश के ऐसे कानून जिनसे नहीं हैं वाकिफ

जानें IPC की धाराओं का मतलब, देश के ऐसे कानून जिनसे नहीं हैं वाकिफ

Ravi Vaish

Feb 26, 2023

कुछ जरूरी IPC की धाराएं

​कुछ जरूरी IPC की धाराएं​


आपने अक्सर सुना होगा कि किसी केस में फलाना धारा लगाई है, आप भी जानें किस धारा का क्या है अर्थ

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दंड का प्रावधान

​दंड का प्रावधान​


भारतीय दण्ड संहिता (IPC) देश के अंदर किसी भी नागरिक द्वारा किए गये कुछ अपराधों की परिभाषा व दंड का प्रावधान करती है

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हत्या के लिए दंड

​हत्या के लिए दंड​


धारा 307 हत्या की कोशिश करने पर लगती है वहीं धारा 302 हत्या के लिए दंड है

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​नाबालिग के साथ दुष्कर्म​

कोई 18 साल से कम उम्र की नाबालिक लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाता है और चाहे वह सब लड़की की इच्छा से किया गया हो या बिना इच्छ��� से वह रेप माना जाता है यह धारा 375 के तहत एक दंडनीय अपराध है

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​बलात्कार करने पर​


धारा 376 बलात्कार करने पर लगती है तो वहीं धारा 377 अप्राकृतिक कृत्य पर लगती है

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​डकैती करने पर​



धारा 395 डकैती करने पर, तो धारा 396 डकैती के दौरान हत्या करने पर लगाई जाती है

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​षडयंत्र रचना​


धारा 120 षडयंत्र रचना/ किसी के खिलाफ साजिश करने पर तो धारा 365 अपहरण करने पर लगाई जाती है

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​गर्भवती कर्मचारी को नौकरी से निकालना​


किसी भी जगह पर काम कर रही एक गर्भवती महिला को नौकरी से नहीं निकाला जा सकता है नहीं तो मालिक को तीन माह की जेल भी हो सकती है

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​पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज न करना​


यदि कोई पुलिस अधिकारी आपकी शिकायत करने पर भी FIR दर्ज करने से इंकार करें तो आईपीसी की धारा 166- A के तहत ऐसा करना अपराध है और वो अधिकारी दोषी माना जाएगा

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​शाम के वक्त महिलाओं की गिरफ्तारी​


धारा 46 के तहत पुलिस किसी भी महिला को शाम के 6 बजे के बाद और सुबह के 6 बजे से पहले गिरफ्तार नहीं कर सकती हैं, भले ही वह कितनी भी बड़ी गुनहगार क्यों ना हो

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