Oct 2, 2023
महाराणा प्रताप के प्राण प्रिय और सबसे प्रसिद्ध घोड़े का नाम चेतक था।
Credit: commons-wikimedia
चेतक हल्दीघाटी के युद्ध में प्रताप का अनूठा सहयोगी था।
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आसमान में उड़ता था। इसीलिए नाम पड़ा था चेतक।
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स्वामीभक्ति ऐसी थी कि दुनिया में वह सर्वश्रेष्ठ घोड़ा माना गया।
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हल्दी घाटी के युद्ध में चेतक ने अपनी अद्वितीय स्वामिभक्ति, बुद्धिमत्ता और वीरता का परिचय दिया था।
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युद्ध में बुरी तरह घायल हो जाने पर भी महाराणा प्रताप को सुरक्षित रणभूमि से निकाल लाने में सफल रहा।
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युद्ध के दौरान चेतक प्रताप को अपनी पीठ पर लिए 25 फीट के उस नाले को लांघ गया।
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चेतक बुरी तरह घायल हो जाने के कारण अन्ततः वीरगति को प्राप्त हुआ।
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आज भी राजसमंद के हल्दी घाटी गांव में चेतक की समाधि बनी हुई है।
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महाराणा प्रताप और चेतक का साथ चार साल तक रहा।
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स्वयं महाराणा प्रताप ने अपने हाथों से चेतक का दाह-संस्कार किया था।
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