Oct 14, 2023

चंद्रयान 3 से क्या हुआ हासिल, जानिए भविष्य में ISRO को कैसे होगा इसका फायदा?

Ramanuj Singh

भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं और ये इसरो को उसकी भविष्य की परियोजनाओं में काफी मदद करेंगी।

Credit: ISRO/Twitter

RapidX ट्रेन की पहली तस्वीर

​​चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा गया था विक्रम लैंडर​

चंद्रयान-3 मिशन का विक्रम लैंडर 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा गया था।

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विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के जरिये कई वैज्ञानिक प्रयोग किए गए

इसरो के चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा पर सुरक्षित लैंडिंग की। विक्रम लैंडर के साथ प्रज्ञान रोवर के जरिये वैज्ञानिक प्रयोगों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया।

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चंद्रमा पर 14 दिनों तक प्रयोग किए गए

विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने 1 चंद्र दिवस यानी धरती पर 14 दिनों के लिए प्रयोग किए। हालांकि वे चांद की रात के दौरान स्लीप मोड में चले गए और इसरो के मुताबिक अब इन दोनों के पुनर्जीवित होने की कोई उम्मीद नहीं है।

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चंद्रमा पर से वैज्ञानिकों को मूल्यवान डेटा मिला

चांद के एक दिन और 14 पृथ्वी दिवस से भी कम समय में इसरो के चंद्रयान-3 मिशन ने दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय को मूल्यवान चंद्र डेटा प्रदान किया।

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सल्फर, लोहा, ​टाइटेनियम, एल्यूमीनियम और कैल्शियम मिले​

डेटा से चंद्रमा की मिट्टी में अप्रत्याशित सल्फर की मौजूदगी का पता चला। चंद्र मिट्टी में सल्फर के साथ-साथ लोहा, टाइटेनियम, एल्यूमीनियम और कैल्शियम जैसे अन्य तत्व भी पाए गए हैं।

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भविष्य में चंद्र मिशन में मिलेगी सहायता

प्रज्ञान रोवर द्वारा प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि चंद्रमा की ध्रुवीय मिट्टी में सल्फर अधिक केंद्रित हो सकता है। जिससे भविष्य में चंद्र मिशन में सहायता मिलेगी।

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​​सल्फर का पता लगाने मेंं हुआ दो उपकरणों का इस्तेमाल​

सल्फर का पता लगाने के लिए प्रज्ञान रोवर ने दो उपकरणों का उपयोग किया। एक अल्फा कण एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर और एक लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोमीटर, या LIBS।

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चंद्रमा पर मिलीं ​मिट्टी की अनूठी विशेषताएं​

चंद्रयान-3 मिशन के दौरान चंद्रमा पर पहली बार मेजरमेंट लिए गए और मिट्टी की अनूठी विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हैं।

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​​चंद्रमा की सतह पर जीवित रहने में सल्फर से मिलेगी मदद​

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि चंद्रमा की मिट्टी में प्राप्त सल्फर भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर जीवित रहने में मदद कर सकता है।

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​​चंद्रयान-3 मिशन से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के बारे में समझ बढ़ेगी​

चंद्रयान-3 मिशन की उपलब्धियां चंद्रमा के भूगर्भिक इतिहास, विशेषकर अज्ञात दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के बारे में हमारी समझ को बढ़ाएंगी।

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