जब टुकड़ों में मिली थी सोनिया को राजीव गांधी की लाश

शिशुपाल कुमार

Aug 20, 2023

वो मनहूस तारीख

तारीख-21 मई 1991, यही वो मनहूस दिन था जब देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी

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जीत की ओर थे राजीव

तब राजीव गांधी तमिलनाडु में थे, श्रीपेरंबदूर में एक जनसभा को संबोधित करने गए थे, देश में लोकसभा चुनाव हो रहा था और ज्यादातर सर्वे में राजीव गांधी जीत रहे थे

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पहले से था हत्या का प्लान

यहां जैसे ही राजीव गांधी पहुंचे एक तीस साल की एक नाटी लड़की उनकी ओर माला लेकर बढ़ी

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बेफिक्र थे राजीव

लड़की का नाम नलिनी था, उसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन बेफिक्र राजीव ने उसे आने का इशारा कर दिया

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और लाशों में बदल गए लोग

जैसे ही वो उनके पैर छूने के लिए झुकी, कानों को बहरा कर देने वाला धमाका हुआ, वहां मौजूद लोग लाशों के टुकड़ों में बदल गए

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लाश पहचानने में मुश्किल

राजीव गांधी लाश में तब्दील हो चुके थे, उनका शरीर कई टुकड़ों में बंट चुका था, DNA टेस्ट से उनकी लाश की पहचान हुई थी

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जब सोनिया को मिला संदेश

राजीव गांधी की हत्या से देश सन्न रह गया, रात 10 बजे सोनिया गांधी के पास राजीव गांधी के निजी सचिव विंसेंट जॉर्ज चिल्लाते हुए पहुंचे

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सोनिया का पहला सवाल

सोनिया गांधी नाइट गाउन में बाहर निकलीं और पूछी, इज ही अलाइव, जॉर्ज चुप रहे लेकिन आंखों से निकले आंसू से सच्चाई बयां कर दी

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और चीख पड़ी सोनिया

रशीद किदवई ने अपनी किताब में लिखा है कि पहली बार सोनिया गांधी को किसी ने चीख-चीख कर रोते हुए देखा था

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