Jul 3, 2023

Google को भी नहीं पता RAW का दफ्तर

Amit Mandal

1968 में रॉ की स्थापना

RAW की स्थापना 1968 में की गई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है।

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रॉ का कानूनी दर्जा अस्पष्ट

दिलचस्प तथ्य है कि रॉ का कानूनी दर्जा अभी भी अस्पष्ट है। कागजों पर रॉ एक एजेंसी नहीं बल्कि विंग है।

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नहीं मिलेगा रॉ का दफ्तर

यही वजह है कि रॉ नाम से इसका कोई दफ्तर आपको नहीं मिलेगा न कोई साइनबोर्ड।

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गूगल भी नहीं बता पाएगा

गूगल में भी सर्च करने पर इसका हेडक्वार्टर दिल्ली ही बताएगा, इससे अधिक जानकारी नहीं मिलेगी।

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भारत-पाक, भारत-चीन युद्ध के बाद गठन

इसका गठन 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद किया गया था।

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RAW पर नहीं डाल सकते ​RTI

रॉ पर आर.टी.आई. (RTI) नहीं डाल सकते, क्योंकि यह एजेंसी देश की सुरक्षा से जुड़ी है।

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धर्मो रक्षति रक्षितः

रॉ का सिद्धांत है- धर्मो रक्षति रक्षितः, जिसका मतलब है- जो शख्स धर्म की रक्षा करता है, वह हमेशा सुरक्षित रहता है।

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सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट

रॉ अपनी रिपोर्ट सीधे देश के प्रधानमंत्री को भेजती है। इसके डायरेक्टर का चुनाव सेक्रेटरी (रिसर्च) द्वारा होता है।

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RAW एजेंट को रहना पड़ता है गुप्त

यदि कोई RAW का कर्मचारी है तो उसे यह बात पूरी तरह गुप्त रखनी होती है कि वह RAW के लिए काम करता है।

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एजेंट को नहींं मिलता हथियार

रॉ में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी को बंदूक नहीं मिलती। बचाव के लिए ये अपनी तेज बुद्धि का इस्तेमाल करते हैं।

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कैसे बनते हैं रॉ एजेंट

रॉ एजेंट बनने के लिए अलग से परीक्षा नहीं होती, पुलिस सेवा से ही कर्मचारियों को नियुक्त किया जाता है।

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आरएन काव थे रॉ के पहले चीफ

रामेश्वर नाथ काव थे रॉ के पहले चीफ

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