मुगल शासन 1526 में स्थापित हुआ और नाममात्र 1857 तक बचा रहा। इस तरह 200 वर्षों से अधिक समय तक मुगलों का भारत पर शासन रहा। इसके बाद अंग्रेजों ने भारत पर राज किया।
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कम उम्र में बाबर पर जिम्मेदारियां
बाबर पर अपने परिवार की जिम्मेदारी बहुत कम उम्र में ही आ गई थी। अपने पैतृक स्थान फरगना को जीतने के बाद ज्यादा दिन तक उसका राज नहीं चला।
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1502 में काबुल को जीत लिया
कुछ ही दिनों में हार मिली और बहुत कठिन समय देखना पड़ा। कुछ सालों बाद जब उसके दुश्मन एक दूसरे से लड़ रहे थे तब बाबर ने 1502 में अफगानिस्तान के काबुल को जीत लिया।
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राणा संग्राम सिंह ने बाबर को बुलाया
इसके बाद आलम खान और दौलत खान ने बाबर को पानीपत की लड़ाई के लिए बुलाया था। इतिहासकार ये भी कहते हैं कि मेवाड़ के राजा राणा संग्राम सिंह ने भी बाबर को इब्राहिम लोधी के खिलाफ खड़े होने के लिए बुलाया था।
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वापस नहीं लौटा बाबर
युद्ध में बाबर ने जीत गया और लोधी ने खुदकुशी कर ली। लोगों को लगा कि बाबर इस लड़ाई के बाद भारत छोड़ देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाबर ने भारत में ही अपना साम्राज्य फैलाने की ठान ली।
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पानीपत की जीत ने बदला इतिहास
भारत के इतिहास में बाबर की जीत पानीपत की पहली जीत कहलाती है इसे दिल्ली की भी जीत माना गया। इसने भारतीय राजनीति को पूरी तरह से बदल दिया, और इसी के साथ मुगलों ने भारत में पैर जमा लिए।
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हुमायूं गद्दी पर बैठा
मरने से पहले बाबर पंजाब, दिल्ली, बिहार जीत चुका था। 1530 में हुमायूं बीमारी से ठीक हुआ तो बाबर की मौत हो गई। इसके बाद हुमायूं मुगल शासक बना और दिल्ली की गद्दी पर राज किया।
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