​कैसे हुआ था RAW का गठन, इस वजह से दुनिया करती है सलाम

Amit Mandal

Oct 2, 2023

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW )

भारत के पास बाहरी सुरक्षा पर नजर रखने के लिए एक खुफिया एजेंसी है, जिसका नाम है रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ (R&AW)।

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रामेश्वर नाथ काव पहले निदेशक

रॉ भारत की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है। इस एजेंसी का गठन 1968 को रामेश्वर नाथ काव के मार्गदर्शन में किया गया था।

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1968 तक IB के पास थी जिम्मेदारी

साल 1968 तक इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के पास ही देश की आंतरिक और बाहरी खुफिया जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी थी।

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​पाक-चीन युद्ध में आईबी रही नाकाम

आईबी 1962 और 1965 के युद्धों में चीन और पाकिस्तान की तैयारी का अनुमान लगाने में नाकाम रही थी। इसके बाद ही R&AW का गठन किया गया।

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पीएम को रिपोर्ट करता है इसका निदेशक

रॉ का नेतृत्व एक निदेशक करता है, जिसकी नियुक्ति केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा की जाती है। इसके निदेशक सीधे तौर पर देश के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं।

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सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसियों में से एक

इस एजेंसी को दुनिया की सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसियों की सूची में शामिल किया जाता है।

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रॉ के जिम्मे क्या-क्या काम

इस एजेंसी का काम विदेशी खुफिया जानकारी जुटाना, आतंकवाद का मुकाबला करना, देश के खिलाफ विदेशी साजिशों का नाकाम करना आदि है।

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परमाणु कार्यक्रम की सुरक्षा में भी शामिल

रॉ को भारत के परमाणु कार्यक्रम की सुरक्षा में भी शामिल किया गया है। खुफिया एजेंसी रॉ को पड़ोसी देश पाकिस्तान, चीन सहित आस-पास के पड़ोसी देशों से खुफिया जानकारी जुटाने में महारत हासिल है।

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बांग्लादेश का गठन

रॉ ने विदेशों में कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन, जासूसी मिशन और गुप्त संचार नेटवर्क चला चुका है। रॉ बांग्लादेश को बनाने में अहम भूमिका निभा चुका है। तभी से दुनिया इसका लोहा मानती है।

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