भारतीय इतिहास का सबसे 'बुद्धिमान मूर्ख बादशाह', सनकी था गजब का

भारतीय इतिहास का सबसे 'बुद्धिमान मूर्ख बादशाह', सनकी था गजब का

Ravi Vaish

Apr 04, 2025

मुहम्मद बिन तुगलक

​मुहम्मद बिन तुगलक​

दिल्ली के अठारहवें सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक ने 1325 से 1351 ई. तक भारत के अधिकांश हिस्सों पर शासन किया था

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​सबसे 'बुद्धिमान मूर्ख बादशाह'​

​​सबसे 'बुद्धिमान मूर्ख बादशाह'​​

सबसे 'बुद्धिमान मूर्ख बादशाह' दिल्ली के अठारहवें सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक को दिया गया एक उपनाम था,

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​तुगलकी फरमान

​​तुगलकी फरमान ​

मुहम्मद बिन तुगलक एक प्रतिभाशाली विद्वान, दूरदर्शी शासक था, पर उसकी सनकी नीतियों के चलते कई आपदाएं, विद्रोह और नुकसान हुए, 'तुगलकी फरमान' उसी के समय से है

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​​योजनाएं असफल रहीं​​

मुहम्मद बिन तुगलक ने योजनाएं तो कई बनाईं पर उसकी योजनाएं असफल रहीं उसकी योजनाओं से चिढ़कर ही उसे मूर्ख कहा जाता है

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​​सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा था​​

वैसे मुहम्मद बिन तुगलक दिल्ली के सभी सुलतानों में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा था, उसे अरबी, फारसी, गणित, ज्योतिष, चिकित्सा जैसे विषयों का बड़ा ज्ञान था

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​​फिजूलखर्ची​​

उनकी फिजूलखर्ची के कारण 1344 ईस्वी में भयंकर अकाल पड़ा था, उसके दो शौक थे खुश होकर उपहार बांटना वहीं गुस्से में आकर खून बहाना

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​​ तांबे के सिक्के​​


मुहम्मद बिन तुगलक ने टोकन मुद्रा या तांबे के सिक्के चलाए पर टोकन मुद्रा विफल रही, क्योंकि इसे नकली बनाना और अवमूल्यन करना आसान था।

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​​नकली और बेकार सिक्के​​

बाजार नकली और बेकार सिक्कों से भर गया और मुहम्मद बिन तुगलक का खजाना खाली हो गया, क्योंकि उसे तांबे के सिक्कों को सोने और चांदी के सिक्कों से बदलना पड़ा

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​राजधानी दिल्ली से दौलताबाद ​

मुहम्मद बिन तुगलक के सबसे कट्टरपंथी और विवादास्पद निर्णयों में से एक था अपनी राजधानी को दिल्ली से दौलताबाद स्थानांतरित करना

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​​कई सैनिक युद्ध लड़ना ही नहीं जानते थे​​

तुगलक ने तीन लाख सत्तर हजार सैनिकों की एक विशाल सेना तैयार की और सैनिकों को एडवांस सैलरी दी गई पर उसमें से कई सैनिक युद्ध लड़ना ही नहीं जानते थे

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