न लड़ाई लड़ी न खून बहाया, लेकिन इस राजा की झोली में आ गिरा दिल्ली का सिंहासन

Feb 05, 2025

न लड़ाई लड़ी न खून बहाया, लेकिन इस राजा की झोली में आ गिरा दिल्ली का सिंहासन

Alok Rao
​न लड़ाई लड़ी न खून बहाया, लेकिन इस राजा की झोली में आ गिरा दिल्ली का सिंहासन

​​न लड़ाई लड़ी न खून बहाया, लेकिन इस राजा की झोली में आ गिरा दिल्ली का सिंहासन ​

न लड़ाई लड़ी न खून बहाया, लेकिन इस राजा की झोली में आ गिरा दिल्ली का सिंहासन

Credit: Meta AI

​लोदी वंश का उदय

​​लोदी वंश का उदय​

तुगलक वंश के शासन की समाप्ति के बाद दिल्ली की सल्तनत पर लोदी वंश की शुरुआत हुई।

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दिल्ली सल्तनत के लिए नहीं लड़ी लड़ाई

​दिल्ली सल्तनत के लिए नहीं लड़ी लड़ाई​

लोदी वंश की स्थापना बहलोल लोदी ने की लेकिन दिल्ली सल्तनत को पाने के लिए उसने न तो लड़ाई लड़ी और न ही खून बहाया।

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​झोली में आ गिरा सिंहासन​

बल्कि दिल्ली का सिंहासन उसकी झोली में आ गिरा। तगुलक शाशक मोहम्मद शाह के समय बहलोल का चाचा इस्माइल खान सरहिंद का सूबेदार था।

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​बहलोल को उत्तराधिकारी चुना​

अपनी मौत से पहले उसने बहलोल का अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था।

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​मोहम्मद शाह से भी शक्तिशाली हो गया​

बहलोल ने सूबेदारी हासिल करते ही अपने आस-पास के प्रदेशों को जीत लिया। धीरे-धीरे वह मोहम्मद शाह से भी शक्तिशाली हो गया।

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​बहलोल को दिल्ली बुलाया​

सुल्तान अपने वजीर से नाराज होकर जब बदायूं भाग गया तब वजीर हमीद खान ने बहलोल को दिल्ली बुलाया।

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​नाम मात्र का राजा बनाना चाहता था​

हमीद खान चाहता था कि वह बहलोल को नाम मात्र का राजा बनाकर गद्दी पर बैठा दे।

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​खुद को सु���्तान घोषित कर दिया​

बहलोल खान ने चालाकी से काम किया। मौका देखकर उसने हमीद खान को कैद कर लिया और खुद को सुल्तान घोषित कर दिया।

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