Srishti
Jul 14, 2024
हमारे समाज में आमतौर पर यही देखा गया है कि शादी की सारी तैयारियां लड़की वालों पर थोप दी जाती हैं, लेकिन अंबानी परिवार का यह कदम काबिल-ए-तारीफ है, जहां लड़के वालों ने ही सारी व्यवस्था की है।
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रूढ़ीवादियों या पितृसत्तात्मक सोच वालों को अनंत-राधिका की शादी का कार्ड शायद ज्यादा पसंद नहीं आया होगा। इसमें जितने भी जोड़ों के नाम लिखे गए थे, उनमें घर के श्रीमान की जगह श्रीमती का नाम आगे लिखा गया।
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आमतौर पर रिश्ता तय होने के बाद लड़की की अपनी पहचान खत्म हो जाती है या उसे दबा दिया जाता है, लेकिन नीता ने अपनी बहू राधिका के साथ ऐसा नहीं किया। अंबानी खानदान ने अपने घर के हर छोटे-बड़े काम में राधिका को आगे रखा, जिसकी झलक कई बार देखने को मिल चुकी है।
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हमारे समाज में आज भी कई जगह लोग अमूमन शादी के बाद बहू के गहने भी अपने पास रख लेते हैं, वहीं नीता से लेकर उनकी बेटी ईशा तक ने अपने गहने राधिका को पहनने के लिए दिए।
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शादी के दिन राधिका का हाथ थाम मुकेश अंबानी उन्हें बारात तक ले आए और पूरा अंबानी परिवार जमकर नाचा। ससुर और बहू का ऐसा प्यार भरा रिश्ता कम ही देखने को मिलता है।
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एक ओर जहां कई लोग सिर्फ जुबानी तौर पर अपनी बहुओं को बेटी मानने की बात कहते हैं, वहीं अंबानी खानदान ने असल में राधिका को बेटी बनाया है।
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वेन्यू से मेन्यू तक, अंबानी परिवार ने अपनी होने वाली बहू की पसंद को ध्यान में रखकर तय किया। आम घरों में तो ससुराल वाले बहू की इच्छा पूछते तक नहीं हैं।
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अंबानी परिवार में बेटी ही नहीं बहुओं के भी कपड़े पर कोई रोक-टोक नहीं लगाई जाती है। शादी के दौरान भी ईशा के साथ श्लोका और राधिका कभी ट्रेडिशनल तो कभी वेस्टर्न आउटफिट में दिखीं।
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अमूमन देखा जाता है कि सास ही बहुओं की कमी निकालती हैं, बुराईयां करती हैं, लेकिन नीता अंबानी अपने परिवार और बहुओं के लिए एक मजबूत ढ़ाल बनकर खड़ी रहती हैं।
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