Jun 27, 2024
बरसात पर 9 बेहतरीन शेर: और बाज़ार से क्या ले जाऊं, पहली बारिश का मज़ा ले जाऊं
Suneet Singhवो अब क्या ख़ाक आए हाए क़िस्मत में तरसना था, तुझे ऐ अब्र-ए-रहमत आज ही इतना बरसना था।
- कैफी हैदराबादी
फ़लक पर उड़ते जाते बादलों को देखता हूँ मैं, हवा कहती है मुझ से ये तमाशा कैसा लगता है।
- अब्दुल हमीद
दर-ओ-दीवार पे शक्लें सी बनाने आई, फिर ये बारिश मिरी तंहाई चुराने आई।
- कैफ भोपाली
क्या कहूँ दीदा-ए-तर ये तो मिरा चेहरा है, संग कट जाते हैं बारिश की जहाँ धार गिरे।
- शकेब जलाली
अजब पुर-लुत्फ़ मंजर देखता रहता हूं बारिश में, बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में।
- खालिद मोईन
घटा देख कर ख़ुश हुईं लड़कियाँ, छतों पर खिले फूल बरसात के।
- मुनीर नियाजी
दूर तक फैला हुआ पानी ही पानी हर तरफ़, अब के बादल ने बहुत की मेहरबानी हर तरफ़।
- शबाब ललित
'कैफ़' परदेस में मत याद करो अपना मकाँ, अब के बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगा।
- कैफ भोपाली
और बाज़ार से क्या ले जाऊं, पहली बारिश का मज़ा ले जाऊं।
- मोहम्मद अल्वी
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