Apr 25, 2024

'जो थक कर बैठ जाते हैं वो मंज़िल पा नहीं सकते..', पढ़ें बेस्ट मोटिवेशनल शायरियां

Suneet Singh

तूफान

सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है, उधर ही ले चलो कश्ती जहां तूफान आया है।

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परिंदा

​वो छोटी-छोटी उड़ानों पे गुरूर नहीं करता, जो परिंदा अपने लिए आसमान ढूंढता है।

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चले चलिए..

चले चलिए कि चलना ही दलील-ए-कामरानी है, जो थक कर बैठ जाते हैं वो मंज़िल पा नहीं सकते।

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जिद

मिल सके जो आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है, जिद्द तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं है।

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सच बोलने की आदत..

झूठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता, डुबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने...।

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चिराग

कोई चराग़ जलाता नहीं सलीक़े से,मगर सभी को शिकायत हवा से होती है।

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आंखों का समुंदर होना..

एक आंसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है, तुम ने देखा नहीं आंखों का समुंदर होना।

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मेरे बारे में..

मेरे बारे में कोई राय मत बनाना ग़ालिब, मेरा वक्त भी बदलेगा तेरी राय भी...!

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लहू क्या है..

रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल, जब आंख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है।

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