Jul 24, 2024
सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाने वाली शायरी: वही हक़दार हैं किनारों के, जो बदल दें बहाव धारों के
Suneet Singhबंदा तो इस इकरार पै बिकता है तेरे हाथ,लेना है अगर मोल तो आज़ाद न करना।
- नज़्म तबातबाई
अपना ज़माना आप बनाते हैं अहले दिल,हम वो नहीं कि जिसको ज़माना बना गया।
- जिगर मुरादाबादी
वही हक़दार हैं किनारों के,जो बदल दें बहाव धारों के।
- निसार इटावी
खुदा तौफीक देता है जिन्हें, वो यह समझते हैं,कि खुद अपने ही हाथों से बना करती हैं तकदीरें।
- अफ़सर मराठी
कुछ लोग थे कि वक़्त के सांचे में ढल गए,कुछ लोग थे कि वक़्त के सांचे में बदल गए।
- मख़मूर सईदी
अब हवाएं ही करेंगी रौशनी का फ़ैसलाजिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा।
- महशर बदायुनी
इन्ही ग़म की घटाओं से ख़ुशी का चांद निकलेगाअंधेरी रात के पर्दे में दिन की रौशनी भी है।
- अख़्तर शीरानी
तीर खाने की हवस है तो जिगर पैदा करसरफ़रोशी की तमन्ना है तो सर पैदा कर।
- अमीर मीनाई
तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरातिरे सामने आसमां और भी हैं।
- अल्लामा इक़बाल
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