May 26, 2024

चिलचिलाती धूप और तपती दोपहरी में ठंडी हवा के झोंके जैसे हैं गर्मी के ये 9 शेर

Suneet Singh

सितम-ए-गर्मी-ए-सहरा मुझे मालूम न था, ख़ुश्क हो जाएगा दरिया मुझे मालूम न था।

- कमाल ज़ाफरी

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बंद आंखें करूं और ख़्वाब तुम्हारे देखूं, तपती गर्मी में भी वादी के नज़ारे देखूं।

- ​साहिबा शहरयार

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सूरज की तपती धूप ने मारा है इन दिनों, पेड़ों की छांव का ही सहारा है इन दिनों।

​- सीमा शर्मा मेरठी

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वो जब देगा जो कुछ देगा देगा अपने वालों को, वैसे भी कुछ मिलता कब है धूप में तपने वालों को।

- बद्र वास्ती

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पिघलते देख के सूरज की गर्मी, अभी मासूम किरनें रो गई हैं।

- जालिब नोमानी

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गर्मी बहुत है आज खुला रख मकान को, उस की गली से रात को पुर्वाई आएगी।

ख़लील रामपुरी

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कुछ अब के धूप का ऐसा मिज़ाज बिगड़ा है, दरख़्त भी तो यहां साएबान मांगते हैं।

- मंजूर हाशमी

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तू जून की गर्मी से न घबरा कि जहाँ में, ये लू तो हमेशा न रही है न रहेगी।

- शरीफ कुंजाही

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गर्म हवा हर-सू चलती है, सूरज से धरती जलती है।

​- मोहम्मद शरफ़ुद्दीन साहिल

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