Oct 17, 2024
आचार्य चाणक्य ने बुद्धि के साथ ही कर्म और मेहनत को भी मनुष्य के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया है।
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बकौल चाणक्य स्त्री और पुरुषों को मेहनत के अनुसार भोजन करना चाहिए। चाणक्य नीति में बताया गया है कि खाने की कौन सी चीज कितनी ताकतवर होती है।
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साबूत अन्न से भी दस गुना अधिक ताकत उसके आटे में होती है। साबूत अन्न से अधिक उसके आटे से शरीर ज्यादा ऊर्जा ले पाता है।
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अन्न के आटे से भी दस गुना अधिक बल दूध में होता है। भैंस के दूध से गाय का दूध ज्यादा पौष्टिक और बल देने वाला होता है।
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दूध बल देने वाला होता है, लेकिन मांसाहार में दूध से आठ गुना ज्यादा बल होता है। वैसे मांसाहार को प्रकृति के विरुद्ध माना गया है, शास्त्रों के अनुसार किसी भी जीव की हत्या करना पाप है।
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इसी वजह से मांसाहार से बचना चाहिए, चाणक्य ने मांसाहार से अधिक बल देने वाली एक और शाकाहारी चीज बताई है।
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मांसाहार से भी दस गुना अधिक बल गाय के दूध से बने घी में होता है। ये घी बहुत पौष्टिक और शरीर को बल प्रदान करने वाला होता है।
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