कोरोना ने स्पर्म को कर दिया है कमजोर!

शिशुपाल कुमार

Jan 6, 2023

एम्स की रिपोर्ट

दिल्ली, पटना और मंगलगिरी एम्स ने अपनी स्टडी में स्पर्म में कमजोरी का दावा किया है। इस जांच को स्पर्म काउंट टेस्ट के नाम से जाना जाता है।

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30 मर्दों पर स्टडी

एम्स के शोधकर्ताओं ने संक्रमण के प्रभाव को लेकर 30 पुरुषों पर स्टडी किया है। स्टडी में पाया गया है कि यह वायरस पुरुषों में सीमेन की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

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19-45 आयु वर्ग के लोगों का टेस्ट

पटना एम्स में 19-45 आयु वर्ग के 30 कोविड पॉजिटिव मर्दों का सैंपल लिया था। यह स्टडी अक्टूबर 2020 और अप्रैल 2021 के बीच का है।

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दो बार टेस्ट

सीमेन व स्पर्म जांच के लिए सभी संक्रमितों का दो बार सैंपल लिया गया। पहले सैंपल के टेस्ट के बाद 74 दिनों के बाद दूसरा सैंपल लिया गया और टेस्ट को दोहराया गया।

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सीमेन की संख्या में भारी कमी

पहले सैंपल की जांच में पाया गया कि सीमेन में कोरोना तो नहीं है, लेकिन उसकी मात्रा, गतिशीलता और शुक्राणुओं की संख्या काफी हद तक कम हो गई है।

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दूसरे टेस्ट की स्थिति

शोधकर्ताओं को दूसरे सैंपल की जांच में भी सीमेन की स्थिति कुछ बेहतर नहीं दिखाई दी। रिपोर्ट लगभग सेम थी।

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स्पर्म काउंट पर बुरा असर

जांच के दौरान शोधकर्ताओं ने माना कि कोरोना वायरस पुरुषों के सीमेन व स्पर्म काउंट पर बुरा असर डालता है।

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क्या होता है सही काउंट

स्खलन के वक्त 1.5 से 5 मिली के बीच वीर्य का निकलना सामान्य है। लेकिन कोरोना संक्रमित 10 मरीजों में वीर्य 1.5 मिली से कम था।

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क्या होता है स्पर्म या वीर्य

वीर्य वह तरल पदार्थ है जिसमें शुक्राणु होता है। प्रजनन के लिए यह सबसे जरूरी होता है। यह स्खलन के दौरान निकलता है।

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तीन मानकों से गुणवत्ता

वीर्य की गुणवत्ता का विश्लेषण प्रमुख रूप से तीन मानकों पर किया जाता है। पहला शुक्राणु की संख्या, दूसरा शुक्राणु का आकार और तीसरा शुक्राणु की गति।

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