Feb 3, 2023
अधिक नींद आने के पीछे क्या वजह है। जानकारों का कहना है कि अगर आप सामान्य तौर 11 घंटे से अधिक सोते हैं तो हाइपरसोमनिया के शिकार हैं और यह एक न्यूरो डिस्ऑर्डर है।
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ज्यादातर लोगों को आपने सुना होगा कि वो कहते हैं उन्हें कम नींद आती है। अगर 2 घंटे सोएं तो भी दिक्कत नहीं होती। लेकिन यह एक तरह की समस्या है जिसे इनसोमनिया कहते हैं।
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एक आंकड़े के मुताबिक पुरी दुनिया में करीब 10 से 20 फीसद लोग अधिक नींद की वजह से परेशान हैं। ये लोग एक बार में 11 घंटे से अधिक सोते हैं।
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ज्यादा नींद की वजह से मूड स्विंग, एकाग्रता में कमी, रिश्तों में तल्खी दिखाई देती है। यदि आप रात भर सोने के बाद भी उंघते हैं तो इसका अर्थ है कि आप को किसी मेडिकल सेंटर जाना चाहिए।
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एनआईएनडीएस के अनुसार, हाइपर्सोमनिया के अन्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं।चिंता, चिड़चिड़ापन,कम ऊर्जा का स्तर,बेचैनी,धीमा भाषण,भूख में कमी, दु: स्वप्न,याददाश्त की समस्या होती है।
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प्राथमिक हाइपरसोमनियानेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक के अनुसार, प्राथमिक हाइपरसोमनिया विकारों में शामिल हैं।नार्कोलेप्सी टाइप 1नार्कोलेप्सी टाइप 2क्लेन-लेविन सिंड्रोमइडियोपैथिक हाइपरसोमनिया
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हर रात एक ही समय पर बिस्तर पर जाएं।शराब और कैफीन पीने से बचें।एक शांतिपूर्ण नींद का माहौल बनाएं।यदि संभव हो तो उन दवाओं से बचें जो उनींदापन का कारण बन सकती हैं।देर रात तक काम करने से बचें।
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पॉलीसोम्नोग्राम, इस टेस्ट में आप रातभर स्लीप सेंटर में रहते हैं। एक पॉलीसोम्नोग्राम आपके सोते समय आपके मस्तिष्क की गतिविधि, आंखों की गति, पैर की गति, हृदय गति, श्वास कार्यों और ऑक्सीजन के स्तर पर नजर रखता है।
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