Sep 15, 2024

'आइना देख कर तसल्ली हुई..', दिल की मायूसी को पल में मिटा देंगी गुलजार की ये नज्में

Suneet Singh

आपकी कमी

शाम से आँख में नमी सी है,आज फिर आप की कमी सी है।

Credit: facebook

जिंदगी

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।

Credit: facebook

आइना

आइना देख कर तसल्ली हुई,हम को इस घर में जानता है कोई।

Credit: facebook

वक्त

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,आदत इस की भी आदमी सी है।

Credit: facebook

वादा

आदतन तुम ने कर दिए वादे,आदतन हम ने ए'तिबार किया।

Credit: facebook

आंखें

जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ,उस ने सदियों की जुदाई दी है।

Credit: facebook

जिंदगी

कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है,ज़िंदगी एक नज़्म लगती है।

Credit: facebook

रिश्ते

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।

Credit: facebook

कल और आज

कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था,आज की दास्ताँ हमारी है।

Credit: facebook

Thanks For Reading!

Next: नवरात्र पर पहनें ऐसी खूबसूरत चनिया चोली, डांडिया फ्लोर पर छाएगा आपका ही जादू

Find out More