Jan 4, 2025
गुलजार के 10 मशहूर शेर: वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है
Suneet Singhज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा, क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़, किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूं, उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं, सज़ाएँ भेज दो हम ने ख़ताएँ भेजी हैं
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में, एक पुराना ख़त खोला अनजाने में
चंद उम्मीदें निचोड़ी थीं तो आहें टपकीं, दिल को पिघलाएँ तो हो सकता है साँसें निकलें
रुके रुके से क़दम रुक के बार बार चले, क़रार दे के तिरे दर से बे-क़रार चले
भरे हैं रात के रेज़े कुछ ऐसे आँखों में, उजाला हो तो हम आँखें झपकते रहते हैं
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