May 13, 2023
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है, मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है।
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माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज, हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले!
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दुनिया के हर रिश्ते में कुछ आधा, अधूरा निकलेगा, एक माँ का प्यार ही तो है, जो दूसरों से नौ महीने ज्यादा ही निकलेगा।
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मुझे मालूम है मां की दुआएं साथ चलती हैं, सफ़र की मुश्किलों को हाथ मलते मैंने देखा है।
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मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार, दुख ने दुख से बातें की बिन चिट्ठी बिन तार।
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बड़ी छोटी रकम से घर चलाना जानती थी माँ, कमी थी बड़ी पर खुशियाँ जुटाना जानती थी माँ।
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हर एक कपड़े का टुकड़ा माँ का आँचल हो नहीं सकता, जिसे दुनिया को पाना हो वो पागल हो नहीं सकता, जफाओं की कहनी जब तलक इसमें न शामिल हो, वफाओं का कोई किस्सा मुकम्मल हो नहीं सकता।
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