May 12, 2024
हमारे वेद पुराणों में कई ऐसी महिलाओं का जिक्र है जिनका दर्जा देवों से भी ऊपर है। आइए डालते हैं ऐसे ही कुछ नामों पर एक नजर:
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हमारे पुराणों में मां पार्वती का स्थान सबसे ऊंचा है। विराट व्यक्तित्व वाली माता पार्वती दुनिया भर की महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं।
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जनक नंदिनी सीता ने अपने जीवन में ऐसे-ऐसे दिन देखे जो शायद ही कोई महिला देखना चाहे। बावजूद इसके उन्होंने अपने जीवन में ऐसा कुछ किया कि भगवान राम से पहले उनका नाम लिया जाता है।
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भगवान श्री राम की मां माता कौशल्या ने अपने बेटे में ऐसे संस्कार भरे कि वह सदा मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। त्याग और करुणा की भावना की मिसाल हैं माता कौशल्या।
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भले भगवान कृष्ण यशोदा के गर्भ से ना जन्मे हों, लेकिन माता यशोदा ने उन्हें इतना प्यार दिया कि आज भी कान्हा को यशोदा का नन्द लाल ही कहा जाता है।
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माता देवकी भी आज के युग की मांओं के लिए प्रेरणा समान हैं। देवकी से कोई भी महिला त्याग का असल सबक सीख सकती है।
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रामायण में शबरी की करुणा देख खुद भगवान राम भी खुद को नहीं रोक पाए थे। शबरी को स्वयं भगवान मां कहकर पुकारते हैं।
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गांधारी ना सिर्फ पतिव्रता थीं बल्कि सौ पुत्रों की मां भी थीं। वह अपने पुत्रों के लिए भगवान श्री कृष्ण तक को शाप दे बैठी थीं।
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द्रौपदी को युवराज युधिष्ठिर से प्रतिविन्ध्य, भीमसेन से सुतसोम, अर्जुन से श्रुतकीर्ति, नकुल से शतानीक और सहदेव से श्रुतवर्मा नामक पुत्र थे।
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