मुगलों ने क्यों की थी रुमाली रोटी की खोज, खाने की जगह लेते थे ये काम

Srishti

Jan 18, 2025

पतली रोटी

आज होटल-रेस्त्रां या शादी पार्टी में भी हम रुमाली रोटी बड़े चाव से खाते हैं। ये नरम और बहुत ही पतली रोटी होती है।

Credit: canva

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दूसरा काम

लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये खाने के लिए नहीं बनी थीं, बल्कि इस रोटी से कुछ और काम किया जाता था।

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रोटी की शुरूआत

दरअसल, रुमाली रोटी की शुरूआत मुगल काल के दौरान हुई। मुगल काल में शाही भोजनों को परोसते समय रुमाली रोटी भी परोसी जाती थी।

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एक्सट्रा तेल

लेकिन उस वक्त लोग इस रोटी को खाते नहीं थे, बल्कि वो रुमाली रोटी का इस्तेमाल शाही भोजन से एक्सट्रा तेल निकालने या फिर पोंछने के लिए करते थे।

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रुमाल शब्द

रुमाली नाम रुमाल शब्द से बना है, जिसका काम हाथ, नाक और मुंह पोंछना है। आमतौर पर लोग रुमाल का इस्तेमाल भी किसी चीज को पोंछने के लिए ही करते हैं।

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तेल पोंछने के लिए

ऐसे में खाने के समय अतिरिक्त तेल को पोंछने के लिए रुमाली रोटी बनाई गई थी।

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खाने की मेज

मुगल काल में इस रुमाली रोटी को रूमाल की तरह मोड़कर राजाओं के लिए खाने के मेज पर रखा जाता था।

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उत्पत्ति

रुमाली रोटी वैसे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से आई है। इसे पाकिस्तान में रुमाली रोटी नहीं बल्कि मांडा या लंबू रोटी के नाम से जाना जाता है।

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मुगलई डिशेज

शायद यही कारण है कि रुमाली रोटी को आमतौर पर मुगलई डिशेज के साथ भी परोसा जाता है।

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