हजारों साल पहले ऐसे होते थे कान के बुंदे, जानें महाभारत से क्या है खास कनेक्शन

Srishti

Dec 4, 2024

पुरानी जूलरी

आपने आजतक कई सारी पुरानी जूलरी जैसे नेकलेस और मुकुट की तस्वीर देखी होगी।

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सबसे पुराना कान का बुंदा

लेकिन क्या आपने कभी देश का सबसे पुराना कान का बुंदा देखा है?

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प्रकरवाप्र कुंडला

भारत के सबसे पहला इयररिंग प्रकरवाप्र कुंडला के नाम से जाना जाता है।

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सोने का बुंदा

प्रकरवाप्र कुंडला सोने का बनता है, जिसकी लंबाई तकरीबन 3 इंच और चौड़ाई 1.5 इंच होती है।

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भारी वजन

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये बुंदे इंसान मुट्ठी के भार जितना वजनदार होती थी। फिर भी इसे राजघराने के लोग पहना करते थे।

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बारीक कलाकृति

इन बुंदों पर पंखों वाले शेर, विशालकाय हाथी, चीते की तस्वीर बनी होती है।

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महाभारत से कनेक्शन

कई रिपोर्ट्स में ऐसा भी कहा गया है कि अर्जुन ने जब अज्ञातवास के दौरान स्त्री का रूप लिया था, तब इसी बुंदे को पहना था।

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मिलते हैं सबूत

इस तरक के बुंदों के प्रमाण आंध्र प्रदेश, म्यांमार और थाईलैंड के स्तूपों में पाए गए हैं।

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गजब की खूबसूरती

इनकी खूबसूरती किसी के भी होश उड़ा सकती है लेकिन अफसोस की बात है कि हमें कोहिनूर के बारे में तो पता है लेकिन ऐसी अनमोल चीज से अभी तक अनभिज्ञ हैं।

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