Jan 3, 2025

जुदाई पर 10 मशहूर शेर: नया इक रिश्ता पैदा क्यूं करें हम, बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूं करें हम

Suneet Singh

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें, जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें

- अहमद फराज़

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आप के बा'द हर घड़ी हम ने, आप के साथ ही गुज़ारी है

- गुलज़ार

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अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो, तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो

- मुनव्वर राना

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उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ, अब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ

- अहमद फराज़

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मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था, वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था

- अंजुमन रहबर

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आई होगी किसी को हिज्र में मौत, मुझ को तो नींद भी नहीं आती

- अकबर इलाहाबादी

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बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है, उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है

- इरफान सिद्दिकी

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वो आ रहे हैं वो आते हैं आ रहे होंगे, शब-ए-फ़िराक़ ये कह कर गुज़ार दी हम ने

- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

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उस को रुख़्सत तो किया था मुझे मालूम न था, सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला

- निदा फाज़ली

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